उसैन बोल्ट | Usain Bolt Biography in Hindi
Usain Bolt Biography in Hindi: दुनिया में जब भी सबसे तेज दौड़ने वाले व्यक्ति की बात होती है तब हर किसी की जुबान पर उसैन बोल्ट का नाम ही आता है क्यूंकि उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से इस Sprinting में ऐसे रिकॉर्ड बनाये थे जिन्हें तोड़ना आज भी मुश्किल है लेकिन उन्हें ये सक्सेस यु ही नहीं मिली बल्कि इस सक्सेस को हासिल करने के लिए उन्हें बहुत ही कठिन दौर से गुजरना पड़ा था।
21 अगस्त 1986 को जमाइका के Sherwood Content नाम के एक छोटे से गांव में जन्मे उसैन बोल्ड बचपन में अपना ज्यादातर समय अपने भाई के साथ गली क्रिकेट और फुटबॉल खेलने में बिताया करते थे। उनके माता पिता की इसी विलेज के नजदीक एक छोटी सी किराने की दुकान थी जिस से हुई इनकम से बड़ी ही मुश्किल से उनका खर्च चल पाता था लेकिन इतने ज्यादा तंगी के बावजूद भी उसैन के माता पिता ने उन्हें पढ़ाई के लिए स्कूल भेजा, यहाँ उसैन पढ़ाई के साथ साथ खेलों पर भी ध्यान दिया करते थे।
एक बार स्कूल में हुए सौ मीटर की एक रेस में उसैन ने भी हिस्सा लिया और आसानी से उस रेस को जीत लिया। जिसके बाद पहली बार उसेन के अन्दर एक sprinter बनने की सम्भावना नज़र आई अपने शुरुआती स्कूल को खत्म कर लेने के बाद उनका एडमिशन ‘विलियम मेमोरियल हाईस्कूल’ में हो गया जहाँ पर भी उन्होंने अपने खेल को जारी रखा। दोस्तों ग्रेजुएशन खत्म करने के बाद भी उसैन लगातार स्पोर्ट्स खेलते रहे और इसी बीच क्रिकेट में उनका अच्छा खासा इंट्रेस्ट जग गया।
लेकिन दिन जब वो अपने हाई स्कूल के ग्राउंड में एक क्रिकेट मैच खेल रहे थे तब अचानक ही स्कूल कोच की नज़र सैन की रनिंग स्किल्स पर पड़ी, जिसके बाद कोच ने उन्हें क्रिकेट की जगह ट्रैक एंड फील्ड में जाने की Advise दी जिससे उसैन ने Accept भी लिया कोच की बात पर ध्यान देते हुए उसैन स्प्रिंटर के तौर पर लगातार खुद को निखार रहे थे और अब उनकी स्पीड भी बहुत ही ज्यादा तेज हो गयी थी इसी तरह से कुछ दिन ट्रेनिंग करने के बाद एक दिन ऐसा आया जब उन्हें 200 मीटर की दौड़ के अन्दर भागने का मौका मिला लेकिन सबसे हैरान कर देने वाली बात तो ये थी की उन्होंने इस दौड़ को महज 22.04 सेकंड में पूरा करके जीत अपने नाम कर लिया ।
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दोस्तों उनके इस दौर में और भी ज्यादा निखार तब आया जब Pablo McNeil नाम के एक फार्मर स्प्रिंटर ने उन्हें ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया इसके बाद उसैन बिल्कुल भी नहीं रुके और लगातार आगे बढ़ते रहे।
साल 2002 में उन्होंने वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में भाग लिया और 200 मीटर की इस रेस में गोल्ड मीटर जीत कर अपनी एक अलग ही पहचान बनायी क्यूँकी उस दौरान वो गोल्ड जीतने वाले सबसे कम उम्र के sprinter थे इसके बाद साल 2004 में वो कैरिफ्टा खेलों में 19.93 सेकेंड समय के साथ 20 सेकेंड कैटेगरी में दौड़ कर पहले जूनियर sprinter बन गए. साथ ही उन्होंने Roy Martin के वर्ल्ड जूनियर रिकॉर्ड को भी तोड़ डाला, यह वही साल था जब वो पूरी तरह से एक प्रोफेशनल sprinter बन चुके थे।
पर हर इंसान की जिंदगी में 1 कठिन समय आता है और ऐसे ही कठिन समय उसे बोर्ड की लाइफ में तब आया जब वो लगातार injuries का शिकार होते गए अपने इन्ही injuries की वजह से 2004 में वो पहले 2 सीजन के ज्यादातर कंपटीशन में भाग नहीं ले पाए, लेकिन उन्होंने जम कर recovery कर ली और 2004 के ओलंपिक के सारे स्प्रिंटिंग इवेंट्स पूरे किए आप सभी को जानकर हैरानी होगी की साल 2007 उनके लिए एक ऐसा साल बन कर आया जब उन्होंने जमाइका के नेशनल रिकॉर्ड होल्डर डॉन कवरेज का 200 मीटर का रिकॉर्ड ब्रेक कर दिया इसके बाद तो मानो उन्होंने पीछे मुड़कर ही नहीं देखा क्योंकि 2008 में १०० मीटर की रेस को उन्होंने 9.72 से पूरा करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया।
2008 ही एक ऐसा साल था जब बीजिंग में ओलंपिक होने थे जिसके लिए उसैन बोल्ड पूरी तरह से तैयार थे। हालांकि शायद ही आपको मालूम हो की उस साल ओलंपिक में हुई 100 मीटर और 200 मीटर दोनो इवेंट को उसैन बोल्ड ने ही जीता था साथ ही उन्होंने इस दौरान अपना ही वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ दिया क्यूँकि उन्होंने 100 मीटर की दौड़ 9.69 सेकेंड में पूरा पूरी की थी जबकि उनका खुद का रिकॉर्ड 9.72 सेकेंड का था।
खैर इन जीतों के पीछे उनकी दिन रात की मेहनत थी जिस वजह से वो लगातार ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियन के साथ साथ कई लोकल स्पोर्ट्स इवेंट भी जीतते जा रहे थे दोस्तों बीजिंग, लंदन और रियो ओलंपिक में जीतने के बाद तो दुनिया में उसैन बोल्ट का एक तरफ़ा नाम चला करता था जिन्हें बच्चा बच्चा जानता था वो इतने ज्यादा फेमस हो चुके थे, कि सोशल मीडिया पर उन्हें ‘लाइटनिंग बोल्ट’ का निकनेम भी दिया जा चूका था।
हालांकि ये बात भी सच है की उनका ये सक्सेसफुल करियर उतना भी आसान नहीं रहा क्यूँकि प्रिंटिंग के अपने सफ़र के दौरान कई बार उन्हें injuries का सामना भी करना पड़ा जिससे बहुत से मौके भी उनके हाथ से चले गए, एक समय ऐसा भी आया जब उसैन बोल्ड की लोकप्रियता उनके लिए मुश्किल पैदा करने लगी क्यूंकि ज्यादा फेमस होने की वजह से वो अपने एथलेटिकस करियर पर अच्छे से ध्यान नहीं लगा पा रहे थे, बल्कि इसकी जगह वो फास्ट फूड और पार्टीज में ज्यादा मजबूर हो गए थे क्योंकि उनके लिए सही नहीं था।
लेकिन जो भी हो पर समय के साथ उन्होंने खुद में सुधार किया और वापस अपने खेल पर लौटे जिसका रिजल्ट यह निकला की आज उनके नाम 8 ओलंपिक गोल्ड मेडल है जो साबित करता है की वो कितने महान हैं।
जिस समय उसैन बोल्ट के घर में 1 समय फाइनेंशि प्रॉब्लम्स लगी रहती थी आज उसी उसैन बोर्ड के पास पैसों की कोई कमी नहीं है जो दिखाता है की सच्ची लगन और म्हणत के सामने इस दुनिया में बड़ी से बड़ी चीज हासिल की जा सकती है तो दोस्तों इस बारे में आपकी क्या राय है हमें कमेंट में जरूर बताए।
तो दोस्तों उम्मीद करता हूँ Usain Bolt Biography in Hindi के इस लेख के जरिये आपको उसैन बोल्ट को करीब से जानने मैं मदत मिली होती। अगर आपके कुछ doubts है तो निचे कमेंट मैं जरूर बताइये।