Goat Farm Loan Apply ऐसे करें बकरी पालन की शुरुआत, सरकार दे रही है 10 लाख रूपए लोन की सुविधा और अन्य कई लाभ.

Goat Farm Loan Apply : ऐसे करें बकरी पालन की शुरुआत, सरकार दे रही है 10 लाख रूपए लोन की सुविधा और अन्य कई लाभ.

Goat Farm Loan Apply : बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसे बहुत ही कम पैसों में शुरू किया जा सकता है और इससे अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। यानी लागत कम और मुनाफ़ा ज़्यादा. आज बकरी पालन केवल ग्रामीण क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है। अब बकरी पालन का व्यवसाय शहरों में भी बड़े पैमाने पर होने लगा है। इस बिजनेस के लिए कई बैंक लोन देते हैं.

बकरी पालन करने पर 10 लाख रू पाने के लिए

| यहाँ क्लिक करे |

राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना

द्वारा अनुमोदित किया गया है। 27 दिसंबर 2021 को कैबिनेट बैठक में ये बेहद अहम फैसला लिया गया.
इस फैसले में केंद्र सरकार बकरी, भेड़ और मुर्गियों के लिए 50 लाख रुपये की सब्सिडी देगी.
बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसे बहुत कम पैसे से शुरू किया जा सकता है और अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। यानी लागत कम और मुनाफ़ा ज़्यादा.
आज बकरी पालन केवल ग्रामीण क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रह गया है। अब बकरी पालन का व्यवसाय शहरों में भी व्यापक हो गया है।

जानिए इतनी बकरियां पालने पर कितना मिलता है लोन?

मिली जानकारी के मुताबिक, एक बकरी करीब डेढ़ साल की उम्र में बच्चे देने में सक्षम हो जाती है और 6-7 महीने में बच्चे को जन्म देती है. आमतौर पर एक बकरी एक बार में दो से तीन बच्चों को जन्म देती है और साल में दो बार बच्चे देने से इनकी संख्या बढ़ जाती है। एक साल तक पालने के बाद ही बच्चे को बेचें। ऐसा करने से आपको बाजार में इसकी उचित कीमत मिलेगी.

नई योजना से बकरी और भेड़ पालन को काफी फायदा होगा

राज्य में घुमंतू आदिवासियों, धनगर और ऐसे आदिवासियों को लाभ देने के लिए बकरी भेड़ पालन योजना शुरू की गई है, जिसके तहत अब किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने बयान देते हुए साफ किया कि यह योजना जल्द ही लॉन्च की जाएगी.

राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा भेड़-बकरी पालन के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने हेतु किये गये नवीन कार्यों को लेकर राज्य अतिथि गृह की बैठक आयोजित की गई। इसमें घुमंतू और आदिवासी लोगों को लाभ दिया जाएगा.

इस बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में सचिव नितिन करीर, उपमुख्यमंत्री के सचिव डॉ. श्रीकर परदेशी, आयुक्त डॉ. हेमंत वासेकर, पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, प्रधान सचिव जेपी गुप्ता उपस्थित थे.