EPFO अगर आप 10 साल से कर रहे हैं प्राइवेट जॉब, तो सरकार से मिलेगी ये सुविधा, जॉब वाले देखें पूरी कैलकुलेशन.

EPFO : अगर आप 10 साल से कर रहे हैं प्राइवेट जॉब, तो सरकार से मिलेगी ये सुविधा, जॉब वाले देखें पूरी कैलकुलेशन.

EPFO : अगर आप प्राइवेट जॉब में हैं तो आपके लिए एक काम की खबर है, जिसके जरिए आप रिटायरमेंट के बाद जिंदगी भर चिंतामुक्त रह सकते हैं। जानिए EPFO ​​से जुड़ा ये नियम। EPS ने 1971 की कर्मचारी पारिवारिक पेंशन योजना की जगह ली, जिससे कर्मचारियों को ज्यादा लाभ मिलने लगा। EPS योजना के तहत न सिर्फ कर्मचारियों को पेंशन मिलती है बल्कि उनके परिवार और नॉमिनी को भी इस योजना का लाभ मिलता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद नियमित आय सुनिश्चित करना है।

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कैसे होती है EPS पेंशन की गणना?

EPS पेंशन की गणना इस फॉर्मूले के आधार पर की जाती है: मासिक पेंशन = (पेंशन योग्य वेतन x पेंशन योग्य सेवा) / 70। पेंशन की गणना रिटायरमेंट से पहले 60 महीनों के औसत वेतन (अधिकतम 15,000 रुपये) और पेंशन योग्य सेवा EPS में योगदान किए गए वर्षों की संख्या से की जाती है।

अगर किसी कर्मचारी का औसत मासिक वेतन 15,000 रुपये है और उसने 10 साल नौकरी की है, तो उसकी मासिक पेंशन होगी: (15,000 × 10) / 70 = 2,143 रुपये। 10 साल की सेवा के बाद यह पेंशन राशि न्यूनतम सीमा के अंतर्गत आती है। सेवा की अवधि जितनी लंबी होगी, पेंशन उतनी ही अधिक होगी।

जानिए क्या कहते हैं EPFO ​​के नियम

EPFO के मुताबिक, नौकरियों में गैप होने के बावजूद सभी नौकरियों को मिलाकर 10 साल का कार्यकाल पूरा किया जा सकता है। लेकिन शर्त यह है कि कर्मचारी को हर नौकरी में अपना UAN नंबर नहीं बदलना चाहिए, पुराना UAN नंबर जारी रखना होगा। यानी एक ही UAN पर कुल 10 साल का कार्यकाल पूरा होना चाहिए। क्योंकि नौकरी बदलने के बाद भी UAN वही रहता है और PF खाते में जमा पूरा पैसा उसी UAN में दिखाई देगा। अगर दो नौकरियों के बीच कुछ समय का गैप है, तो उसे हटाकर कार्यकाल को एक माना जाता है। अर्थात्, पिछली नौकरी और नई नौकरी के बीच का अंतर हटा दिया जाता है, और उसे नई नौकरी में जोड़ दिया जाता है।