Dr. Vivek Bindra Biography in Hindi | Vivek Bindra Biography Information in Hindi

दोस्तों कहते हैं कि सफलता सिर्फ उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है और ऐसा ही कुछ साबित करके दिखाया है आज के समय के सबसे जाने-माने मोटिवेशनल स्पीकर, बिजनेस कोच, बिजनेस ट्रेनर डॉक्टर विवेक बिंद्राजीने।

जिनके ऊपर से यूं तो माता पिता का साया बहुत ही छोटी उम्र में ही उठ गया लेकिन इसके बावजूद उन्होंने खुद को इस काबिल बनाया कि वह लाखों लोगों को अपनी स्पीच और बिजनेस ट्रेनिंग की मदद से इंस्पायर कर चुके हैं और दोस्तों आज के इस वीडियो में भी हम जानने वाले हैं।

डॉक्टर विवेक बिंद्रा के संघर्ष और सफलता की पूरी कहानी एक रात एक सन्यासी ने पूरी दुनिया के लाखों लोगों को सफलता की नई दिशा दिखाई तो दोस्त कहानी की शुरुआत होती है 5 अप्रैल 1978 से जब विवेक बिंद्रा का जन्म उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था हालांकि विवेक जब महज ढाई साल के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गई और फिर पिता की मृत्यु के बाद से उनकी मां ने दूसरी शादी करी और इस तरह से बचपन में विवेक बिंद्रा के सिर से उनके पिता का साया उठ चुका था हालांकि अब वह अपनी मां के साथ रहने की बजाए अपने दादा और चाची जी के साथ रहने लगे और दोस्तों विवेक बिंद्रा शुरुआत से ही पढ़ाई लिखाई में काफी अच्छे थे और इसीलिए उन्होंने अपने शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली के नोएडा में स्थित एमिटी बिजनेस कॉलेज से एमबीए की डिग्री ली।

साथ ही विवेक बिंद्रा ने कई सारे इंटरव्यू के माध्यम से यह बताया कि उन्हें खेलों का शौक भी शुरू से ही है क्योंकि अगर उनके जीवन में खेल नहीं होते तो जिस तरह से उनका समय काफी सारे संघर्षों से गुजरा है वह आसानी से आगे नहीं बढ़ते और दोस्तों आपने विवेक बिंद्रा को काफी सारे विडियोज और सेमिनार बाउंसबैक शब्द का इस्तेमाल करते हुए जरूरी सुना होगा दरअसल यह शब्द भी खेलों से ही प्रेरित हो कर लिया गया और विवेक बिंद्रा के संघर्ष का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अपने कॉलेज की फीस भरने तक कि उनके पास पैसे नहीं हुआ करते थे और इसी वजह से उन्होंने 16 साल की उम्र में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया था हालांकि विवेक अगर चाहते तो ट्यूशन को भी अपना फुल टाइम करियर बना सकते थे लेकिन उन्होंने कुछ अलग करने की ठानी और दोस्तों एक समय तो ऐसा भी आया जब विवेक बिंद्रा ने अपने आसपास किसी भी सगे को नहीं पाया तो वह 4 सालों के लिए वृंदावन में सन्यासी के तौर पर रहे और दोस्तों वृंदावन में वह बिल्कुल एक साधु की तरह ही लोगों की सेवा करते धोती कुर्ता पहनते और जमीन पर ही सोते थे हालांकि मानसिक तौर पर काफी सारे प्रॉब्लम से गुजर रहे डॉ विवेक बिंद्रा को शांति देने के लिए उनके गुरु ने उन्हें गीता पढ़ने की सलाह दी और अब उनके विडियोज में भी हम गीता के ज्ञान को लोगों तक पहुंचाते हुए उन्हें देख सकते हैं।

हालांकि विवेक बिंद्रा जी का मानना है कि गीता कोई धार्मिक किताब नहीं है बल्कि यह जीवन को किस तरीके से जीना है इस बात को सिखाती है और विवेक बिंद्रा का यह मानना है कि वह आज जितने भी सफल है उसमे गीता के ज्ञान का भी काफी महत्व है हालांकि आगे चलकर गुरु के आदेश मानते हुए विवेक बिंद्रा जी ने बिजनेसमैन बनने का फैसला किया साथ ही उन्होंने यह निर्णय लिया कि जो भी लोग पैसों के अभाव में एक सफल बिजनेसमैन नहीं बन पाते हैं वह उनकी सहायता करेंगे और दोस्तों यही वह आदमी है जिससे कि हम एक सफल मोटिवेशनल स्पीकर बिज़नेस कोच बिज़नेस ट्रेनर और एंटरप्रेन्योर के रूप में देखते हैं हल्के जब उन्होंने बिज़नेस कोच के तौर पर आगे बढ़ने का सोचा था तब शुरुआती समय में उनके पास इतने पैसे भी नहीं हुआ करते थे कि वह खुद का एक अच्छा सा ऑफिस खोल सके लेकिन किसी तरह से उन्होंने पैसे जुटाकर एक कमरा किराए पर लिया और फिर सभी काम वो खुद ही अकेले करने लगी।

हालांकि समय के साथ उन्होंने कई सारे लोगों को नौकरिया भी दी लेकिन एक बार स्टाफ को जब सैलरी देने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे तब उन्होंने अपना घर तक बेचने का फैसला कर लिया और दोस्तों कुछ इसी तरह से ही आज कई सारे संघर्ष और परेशानियों का सामना करते हुए डॉ विवेक बिंद्रा ने उस मुकाम को छुआ है कि लाखों लोग और हजारों कंपनियां उन्हें आइडल मानती है और उनके द्वारा यूट्यूब पर बनाए गए चैनल के जरिए करोड़ों लोग अच्छी बातें सीखते हैं और दोस्तों अभी हाल ही में विवेक बिंद्रा को टेकनॉमिक टाइम द गेम चेंजर ऑफ इंडिया ,टाइम्स ऑफ इंडिया ने बेस्ट सीईओ कोच इन इंडिया की तरह और भी कई सारे अवार्ड से नवाजा है और दोस्तों जिस तरह से विवेक बिंद्रा हम सभी को मोटिवेट करते हैं वह सच में ही अवॉर्ड के हकदार तो आप भी हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा कि क्या आप ही विवेक बिंद्रा के विडियोज देखते हैं अगर हां तो कौन सी बातें हैं जो आपको उनकी की पसंद आती है उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख जरूर ही पसंदआया होगा आपका बहुमूल्य समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

 

 

 

 

 

 

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